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सेंट्रल विस्टा के आधार पर सुप्रीम कोर्ट के पास ज्यूडिशियल विस्टा बनाने की मांग, SC ने केंद्र से मांगा जवाब

Judicial Vista: ज्यूडिशियल विस्टा बनाने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट के ही वकील की ओर से दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट में जजों, वकीलों और फरियादियों के लिए जगह अब कम पड़ रही है.

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सुप्रीम कोर्ट
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स्टोरी हाइलाइट्स
  • ज्यूडिशियल विस्टा का निर्माण करने की मांग
  • सुप्रीम कोर्ट के ही वकील ने दायर की है याचिका

सेंट्रल विस्टा की तर्ज पर उच्चतम न्यायालय के आसपास 'ज्यूडिशियल विस्टा' (Judicial Vista) निर्माण की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. नोटिस जारी कर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से 30 मार्च तक जवाब मांगा है.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के वकील अर्धेंदुमौलि प्रसाद की ओर से ज्यूडिशियल विस्टा की मांग को लेकर एक याचिका दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट में जिस तरह से मामले बढ़ रहे हैं उसी हिसाब से लोग भी बढ़ रहे हैं, ऐसे में ज्यादा जगह की जरूरत है.

याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट में जजों, वकीलों और फरियादियों के लिए जगह अब कम पड़ रही है. इसलिए मल्टी लेवल कोर्ट रूम, मल्टी लेवल एडवोकेट चैम्बर, अंडरग्राउंड पार्किंग सहित तमाम व्यवस्था की जरूरत है. इस जनहित याचिका में मांग की गई है कि सरकार इस परियोजना के लिए एक स्वतंत्र अधिकरण सरकारी खर्च यानी कांसोलिडेटेड फंड से बनाए और इसी की निगरानी में न्यायिक परिसर का विकास किया जाए.

याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट के आसपास संसद भवन की तर्ज पर ज्यूडिशियल विस्टा बनाई जाए, ताकि आने वाले समय में लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो.

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क्या है सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट?

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आसपास ज्यूडिशियल विस्टा बनाने की मांग सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के बाद हुई है. सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत एक नए संसद भवन और नए आवासीय परिसर का निर्माण किया जा रहा है. इसमें प्रधानमंत्री और उप राष्ट्रपति के आवास के साथ कई नए कार्यालय भवन और मंत्रालय के कार्यालयों के लिए केंद्रीय सचिवालय का निर्माण किया जाना है.

कुछ इस तरह का होगा नया संसद भवन
सेंट्रल विस्टा परियोना के तहत बनने वाली संसद भवन की नई इमारत करीब 65,400 स्क्वायर मीटर में बनाई जाएगी और यह भव्य कलाकृतियों से युक्त होगी. इमारत एक तिकोना ढांचा होगा और इसकी ऊंचाई पुरानी इमारत जितनी ही होगी. इसमें एक बड़ा संविधान हॉल, सांसदों के लिए एक लाउन्ज, एक लाइब्रेरी, कई कमेटियों के कमरे, डाइनिंग एरिया जैसे कई कम्पार्टमेंट होंगे. सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बन रहे नए संसद भवन में लोकसभा चैम्बर में 888 सदस्यों के बैठने की क्षमता होगी, जबकि राज्यसभा में 384 सीट होंगी.

 

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