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5G टेस्टिंग मामला: दिल्ली हाईकोर्ट ने जूही चावला की याचिका पर अपना फैसला किया सुरक्षित

एक्ट्रेस जूही चावला याचिका में कहा गया है कि दूरसंचार उद्योग की योजनाएं पूरी होती हैं तो पृथ्वी पर कोई भी व्यक्ति, कोई जानवर, कोई पक्षी, कोई कीट और कोई भी पौधा इसके प्रभाव से नहीं बच सकेगा. 

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दिल्ली HC में जूही चावला की याचिका पर सुनवाई
दिल्ली HC में जूही चावला की याचिका पर सुनवाई
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिल्ली HC में जूही चावला की याचिका पर सुनवाई
  • 5G टेस्टिंग के खिलाफ लगाई गई है याचिका

अभिनेत्री जूही चावला द्वारा 5G वायरलेस नेटवर्क को लागू करने के खिलाफ लगाई गई याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई. कोर्ट ने जूही की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित किया है.

सुनवाई के दौरान जूही के वक़ील दीपक खोसला ने कहा कि सीपीसी के सेक्शन 80 (Civil Procedure Code) के तहत इस मामले को न देखा जाए.जब राज्य के खिलाफ कोई सूट कोर्ट में दाख़िल किया जाता है तो 60 दिन पहले सरकार को नोटिस दिया जाता है लेकिन जूही के वकील ने कहा कि ये मामला भारत की जनता से जुड़ा हुआ है,इसलिए इस मामले में सेक्शन 80 को कोर्ट सुनवाई के दौरान कंसीडर न करें. जूही के साथ इस मामले में 2 और लोगों ने याचिका लगाई है. उनमे से एक की तरफ़ से पेश हो रहे कपिल सिब्बल ने कहा कि 5जी को लॉन्च करना सरकार की पॉलिसी है लेकिन अगर इसको लॉन्च करके आर्टिकल 14 का उल्लंघन हो रहा है,तो फ़िर उसको रद्द किया जाना चाहिए.

इस याचिका में जूही चावला ने मांग की है कि 5G वायरलेस नेटवर्क को देश में लागू किए जाने से पहले इससे जुड़ी तमाम रिसर्च पर बारीकी से गौर किया जाए. नागरिकों, जानवरों और वनस्पतियों पर विकिरण के बुरे प्रभाव को आधार बनाते हुए फिल्म अभिनेत्री जूही चावला ने 5G टेस्टिंग पर रोक लगाने की मांग की है.

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जूही चावला की याचिका

जूही चावला की याचिका में कहा गया है कि दूरसंचार उद्योग की योजनाएं पूरी होती हैं तो पृथ्वी पर कोई भी व्यक्ति, कोई जानवर, कोई पक्षी, कोई कीट और कोई भी पौधा इसके प्रभाव से नहीं बच सकेगा. 

वकील दीपक खोसला के माध्यम से कोर्ट में लगाई गई इस याचिका में यह भी मांग की गई है कि सरकार और मामले से जुड़े अधिकारी यह साफ करें कि 5G वायरलेस नेटवर्क मानव जाति, पुरुष, महिला, वयस्क, बच्चे, शिशु, जानवरों और हर प्रकार के जीवों, वनस्पतियों के लिए सुरक्षित है.

बता दें कि साल 2018 में भी जूही चावला की तरफ से इस मामले को लेकर उस वक्त के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चिट्ठी लिखी गई थी. इस चिट्ठी में उन्होंने कहा था कि मोबाइल टावर और वाईफाई हॉटस्पॉट से निकलने वाले रेडिएशन से लोगों के स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरण को भी भारी नुकसान होने की संभावना है लिहाजा इस पर सरकार गौर करे.

फिफ्थ जेनरेशन ब्रॉडबैंड सेल्युलर नेटवर्क की तकनीक उच्च गुणवत्ता वाली है. इस तकनीक के माध्यम से देश में तेज और अधिक विश्वसनीय संचार की उम्मीद है. 5G के साथ डाटा नेटवर्क स्पीड 2-20 जीबी प्रति सेकेंड तक होने की बात की जा रही है. 5G मौजूदा 4G से करीब 20 गुना ज्यादा तेज होगा, जिससे उच्च गुणवत्ता की वीडियो गुणवत्ता को स्ट्रीमिंग करने आसानी होगी.

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