> दो पागलों ने पागलखाने से भागने का प्लान बनाया,
पहला- कल जैसे ही गेट खुलेगा हम चौकीदार को पकड़कर मार देंगे और भाग जाएंगे,
दूसरा- हां आइडिया अच्छा है,
अगले दिन सुबह दोनों जैसे ही भाग कर गेट के पास गए,
देखा- गेट खुला था चौकीदार गायब था
पहला- अरे यार ये चौकीदार कहां गया, साला अगर वो होता तो हम प्लान के मुताबिक आज भाग सकते थे,
दूसरा- कोई नहीं यार चलो कल try करते हैं.
> डॉक्टर- आपके ये दांत कैसे टूटे?
मरीज- पत्नी ने कड़क रोटी बनाई थी
डॉक्टर- तो खाने से मना कर देते
मरीज- जी हां, वही तो किया था
> डॉक्टर- तुम रोज सुबह क्लिनिक के बाहर खड़े होकर औरतों को क्यों घूरते हो...?
गप्पू- जी आप ने ही तो लिखा है, 'औरतों को देखने का समय सुबह 9 बजे से 11 बजे तक!
> गप्पू जलेबी बेच रहा था, लेकिन कह रहा था
आलू ले लो आलू ले लो...
राहगीर- लेकिन ये तो जलेबी है
गप्पू- चुप हो जा! वरना मक्खियां आ जाएंगी
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> डॉक्टर मरीज से- अगर तुम मेरी दवा से ठीक हो गए तो मुझे क्या इनाम दोगे?
मरीज- साहब मैं तो बहुत गरीब आदमी हूं कब्र खोदता हूं......
आपकी फ्री में खोद दूंगा
> शादी के कुछ दिन बाद मुंह फुलाए पत्नी से पति ने पूछा- एक बात बताओ शादी से पहले तुम्हारे कितने ब्वॉयफ्रेंड थे?
पत्नी अन्दर गई और एक लिफाफा लेकर आई, जिसमें चावल के कुछ दाने और 200 रुपये रखे थे
पति- ये क्या है?
पत्नी- मैं जब भी कोई ब्वॉयफ्रेंड बनाती थी, तब एक चावल का दाना इस लिफाफे में डाल देती थी
यह सुनकर पति ने चावल के दाने गिने, कुल सात निकले बोला- सात हैं, कोई बात नहीं, आजकल इतने तो हर लड़की के होते हैं, लेकिन ये 200 रुपये किसलिए रखे हैं?
पत्नी- चार किलो चावल बेच दिए सदमे में पति
> जज- तुम्हे तलाक क्यों चाहिए?
पति - जज साहब, मेरी पत्नी मुझ से लहसुन छिलवाती है, प्याज कटवाती है और बर्तन मंजवाती है
जज- इसमें दिक्कत क्या है?
लहसुन को थोड़ा गर्म कर लिया करो आसानी से छील जाएंगे,
प्याज को काटने से पहले फ्रिज में रखा दिया करो, काटने के समय आंखें नहीं जलेंगी
बर्तन मांजने से 10 मिनिट पहले भरे टब में डाल दिया करो आसानी से साफ हो जाएंगे
पति - समझ गया हजूर। अर्जी वापस ही दे दो मेरी...
(डिस्क्लेमरः इस सेक्शन के लिए चुटकुले वॉट्सऐप व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर हो रहे पॉपुलर कंटेंट से लिए गए हैं. इनका मकसद सिर्फ लोगों को थोड़ा गुदगुदाना है. किसी जाति, धर्म, मत, नस्ल, रंग या लिंग के आधार पर किसी का उपहास उड़ाना, उसे नीचा दिखाना या उसपर टीका-टिप्पणी करना हमारा उद्देश्य कतई नहीं है.)