उत्तर प्रदेश में एक के बाद एक लगातार तीसरे चुनाव में समाजवादी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है. नरेंद्र मोदी की लहर में सपा का सियासी किला पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है. जबकि इस बार के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने मायावती के साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरे थे फिर भी पार्टी को जीत नहीं दिला सके. वहीं, अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव सपा से बगावत कर अलग पार्टी बनाकर चुनावी मैदान में उतरे, लेकिन वो अपनी जमानत भी नहीं बचा सके. सपा की करारी हार पर पिछले तीन दिनों से लगातार मंथन हो रहा है. ऐसे में सवाल है कि अखिलेश और शिवपाल सब कुछ लुटाकर क्या फिर साथ आएंगे?