घने जंगलों और पहाड़ी इलाकों में नक्सलियों के ठिकानों का पता लगाने और उग्रवादियों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए पहली बार मानवरहित वायुयानों (यूएवी) का इस्तेमाल किया जाएगा ताकि सुरक्षाकर्मी सटीक हमले कर सकें.