23 साल बाद सरबजीत की वतन वापसी हुई लेकिन किसी ने सोचा भी नहीं था कि सरबजीत नहीं बल्कि उनका शव वतन लौटेगा. पाकिस्तान में सरबजीत की हत्या हुई और इसकी टीस हर आम ओ खास हिन्दुस्तान के जेहन में गहरी टीस पैदा कर गई. अमृतसर से लेकर भिखिविंड तक परसा है बस सन्नाटा और सिसकी.