कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने कहा कि हमने पिछली सरकार में इस बिल को लोकसभा (Lok Sabha) से पारित किया था लेकिन राज्यसभा में यह बिल पेंडिंग रह गया था. उन्होंने कहा कि संविधान की प्रक्रियाओं के अनुसार हम बिल को फिर से लेकर आए हैं. जनता ने हमें कानून बनाने के लिए चुना है और कानून पर बहस अदालत में होती है और कोई लोकसभा को अदालत न बनाए. मंत्री ने कहा कि यह सवाल सियासत या इबादत का नहीं बल्कि नारी न्याय का सवाल है. उन्होंने कहा कि भारत के संविधान में कहा गया है कि किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता, इसलिए यह संविधान के खिलाफ कतई नहीं है बल्कि उनके अधिकारों से जुड़ा हैं. ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने बिल का विरोध करते हुए कहा कि यह संविधान के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि इस बिल से सिर्फ मुस्लिम पुरुषों को सजा मिलेगी, सरकार को सिर्फ मुस्लिम महिलाओं (Muslim women) से हमदर्दी क्यों है, केरल की हिन्दू महिलाओं (Hindu women) की चिंता सरकार क्यों नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक (Triple Talaq) को असंवैधानिक ठहराया है. इस बिल के बाद जो पति जेल जाएंगे तो महिलाओं का खर्चा क्या सरकार देने के लिए तैयार है.
The new bill to ban the practice of instant triple talaq has been introduced in the Lok Sabha. The Muslim Women (Protection of Rights on Marriage) Bill, 2019, was listed in the agenda of Lok Sabha for Friday. Ravi Shankar Prasad re-introduces the new triple talaq bill. During the Lok Sabha, a heated debate broke out between Ravi Shankar Prasad and AIMIM Chief Asaduddin Owaisi. Watch the video.