हिंदुस्तान से नफरत, आतंक की सोहबत और फरेब की आदत, आज पाकिस्तान को वहां ले आई है जहां से उसका खुद का वजूद अब धुंधला सा दिखता है. पाकिस्तान तबाही के जिस रास्ते पर चल निकला है ऐसा लगता है जैसे नियती उसे खुद वहां तक लाई है. याद कीजिए पाकिस्तान का एजेंडा रेफरेंडम 2020. ये वो साजिश थी जिसके जरिए पाकिस्तान खालिस्तानी आतंकवाद की धार से भारत को काट देना चाहता था. लेकिन देखिए ये साल भी 20-20 है और पाकिस्तान सिखों का अपराधी बनकर असहिष्णुता के कठघरे में खड़ा है. ये साल वो है जिसमें खुद पाकिस्तान कई टुकड़ों में बंट सकता है. आत्मघाती सोच पाकिस्तान को बारूद के ढेर पर ले आई है. बस एक चिंगारी और सब स्वाहा.