पाकिस्तान में घुसकर कर आतंकी ठिकानों पर भारतीय वायुसेना के द्वारा की गई एयरस्ट्राइक के बाद से ही राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा राजनीति के केंद्र में आ गया है. पुलवामा आतंकी हमले के बाद देश में जो पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा था, उसका असर भारत की जवाबी कार्रवाई में दिखा. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पाकिस्तान के रवैये पर कहा कि उसने कभी नहीं माना कि कश्मीर भारत का हिस्सा है. जब पाक 1947, 1965 और 1971 की जंग हार गया तब उसने आतंकवाद का सहारा लेना शुरू कर दिया. भारत ने राजनयिक मोर्चे पर कई प्रयास किए, पाकिस्तान को अलग-थलग करने की कोशिश की. इसके अलावा जेटली ने कहा कि एयरफोर्स ने पाकिस्तान की सीमा में खैबर पख्तूनख्वा में जाकर सटीक प्रहार किया. इस हमले से हमने वो अवधारणा तोड़ दी जिसमें कहा जाता था कि भारत नियंत्रण रेखा की पवित्रता बरकरार रखेगा. क्योंकि हमारी कार्रवाई के बाद दुनिया के किसी भी राष्ट्र ने हमारी आलोचना नहीं की. वजह ये थी कि हमने एहतियातन हमले किए जिसमें निर्दोष लोगों या पाकिस्तान की सेना को निशाना नहीं बनाया.