जहां पूरे साल मौत का मातम होता है. वहां एक शाम ऐसी भी होती है जब बाजे-गाजे पर थिरकते हैं नगरवधुओं के पांव. हम बात कर रहे हैं वाराणसी के मशहूर श्मशान, मणिकर्णिका घाट की. समाज की टेढ़ी नज़रों का सामना करने वाली नगरवधुओं ने पुण्य कमाने की चाहत में, सदियों से चली आ रही परंपरा को पूरी शिद्दत से निभाया.