कूटनीति में एक कहावत है कि दोस्त बदला जा सकता है, लेकिन पड़ोसी नहीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी फलसफे को सही साबित करते हुए बांग्लादेश से एक शानदार संबंध की शुरुआत की है. वो संबंध जो सरहद पर दोस्ती और समझदारी की बुनियाद पर खड़ी हो रही है. और ये वो संबंध भी है, जो 44 साल पुरानी उस युद्ध की याद दिलाती है, जिसमें हिंदुस्तान के हाथों पाकिस्तान को मात खानी पड़ी. बांग्लादेश के नाम से नए मुल्क का जन्म हुआ, जो उस वक्त तक पाकिस्तान का पूर्वी हिस्सा था.
Modi in Bangladesh: PM pays homage to martyrs of 1971 war