पुलिस फोर्स ज्वाइन करने से पहले सभी पुलिस कर्मियों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है. लेकिन देवरिया और इटावा में हो रहे मॉकड्रिल में नजारा कुछ और ही देखने को मिला. इटावा और देवरिया में मॉकड्रिल का आयोजन किया गया था और इसमें जिले के सभी थानेदारों को बुलाया गया था. लेकिन यहां पहुंचे कुछ पुलिस वालों से तो बंदूक भी नहीं चल पाई. वहीं कुछ बंदूक ही फिसड्डी साबित हुए. यहां महिला पुलिस की तैयारी भी बखूबी दिखी. महिला पुलिस से आंसू गैस के गोले फेकने को कहा गया, जिसके बाद वो काफी देर तक आंसू गैस के हथियार से जूझती रही और दूसरों की मदद मिलने के बाद भी हथियार नहीं चला पाई. जाहिर है, इस मॉकड्रिल में यूपी पुलिस कर्मचारियों की तैयारियों की झलक देखी जा सकती है, जहां पुलिस और पुलिस के हथियार, दोनों ही फिसड्डी निकले. अब सवाल यह है कि क्या इस तरह पुलिस आम लोगों की सुरक्षा करेगी.