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नीरज की कविता: 'तन तो आज स्वतंत्र हमारा, लेकिन मन आजाद नहीं है'

नीरज की कविता: 'तन तो आज स्वतंत्र हमारा, लेकिन मन आजाद नहीं है'

मशहूर कवि और गीतकार गोपालदास नीरज का गुरुवार को निधन हो गया. नीरज कई पीढ़ी के लोगों के पसंदीदा कवि और गीतकार रहे हैं. उनकी कविताओं और गीतों के कई भाव रहे हैं. वे देश के लोगों को जागरुक करते नजर आते हैं तो कई बार प्रेम से भरे दिखाई देते हैं. छायावादी नजर आते हैं. उनकी कविताओं में जीवन दर्शन भी काफी गहराई से उभर कर आता है. नीरज की कविताएं प्रेरणा देने वाली हैं. आइए सुनते हैं उनकी कविताओं की श्रृंखला में से एक कविता 'मन तो आजाद नहीं'. 

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