मनमोहन सरकार भले बदल गई. लेकिन मनमोहनी बहाने आज भी जारी हैं. मोदी सरकार दावा कर रही है कि रेल किराया बढ़ाने का फैसला उसका नहीं मनमोहन सरकार का था जिसे उसे मजबूरी में मानना पड़ा है.