एक फरवरी को पेश हुए बजट में बहुत सारी चीजें स्पष्ट नहीं हैं. ऐसा लग रहा है कि एक जेब में कुछ पैसे रख दिए गए हैं और दूसरी जेब से निकाल लिए गए हैं. कई बार ऐसा लगता है कि लोगों को देने की घोषणा तो की गई है लेकिन दिया नहीं गया है. इस बजट की वो पांच चीजें जिन्हें वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने भाषण में कही.