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पटाखे बनाने वाली 'मौत की फैक्ट्रियां'

पटाखे बनाने वाली 'मौत की फैक्ट्रियां'

पटाखे बनाते हुए हर साल औसतन 25 मजदूरों की मौत होती है. इनमें से ज्यादा मौतें तमिलनाडु के शिवकाशी में होती हैं जहां देश के करीब 90 फीसदी पटाखा उत्पादक हैं. पटाखा बनाते वक्त ज्यादातर हादसे इसलिए होते हैं, क्योंकि खतरनाक कच्चे सामान जैसे बारूद और केमिकल्स के साथ काम करते हुए लापरवाही बरती जाती है.

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