वो 7 दिन भुलाए भूले नहीं जाएंगे. हर तरफ आग, धुआं, पथराव, लूट-पाट. इस तरह रोती-बिलखती दिल्ली को शायद ही किसी ने देखा होगा. हफ्ते भर पहले की बात है उस मनहूस रविवार को ही दिल्ली में माहौल बिगड़ना शुरू हुआ था. उत्तर-पूर्व दिल्ली में नागरिकता कानून के विरोधी और समर्थक आमने-सामने आ गए थे. इस हिंसा में लोग मदद की गुहार लगा रहे थे. लेकिन मददगार पुलिस नहीं थी. इसी शाम दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल शहीद हुए . 25 फरवरी सुबह बेहद ही डरावनी थी. दिल्ली की तस्वीर बदली हुई थी. दिन के उजाले में जो दिखा वो होश उड़ाने वाला था. हर तरफ मौत का मंजर. कहीं जले घर तो कहीं जली दुकानें. देखिए पूरी रिपोर्ट.
Burnt houses, shops, vehicles and deserted lanes. There is not a single resident anywhere in sight. What used to be the bustling colony of northeast Delhi. Shiv Vihar is now virtually a ghost town. The scenes of utter destruction make it hard to believe that it is a neighbourhood in the national capital. Watch this Video.