गंगा सुहागनों की नदी कही जाती है, लेकिन 16 और 17 के गंगा के रौद्र रूप ने सैंकड़ों महिलाओं के सुहाग उजाड़ दिए. ऐसे कई गांव रह गए हैं, जहां कोई अब सुहागन नहीं है.