लंबे अर्से बाद ऐसा मौका है जब मंगल और बृहस्पति दोनों अपनी-अपनी राशियों में नीच में हैं. इसके अलावे दोनों ग्रह राहु और केतु के सानिध्य में भी हैं. ये स्थिति किसी भी विवाहिता स्त्री के लिए मंगलकारी नहीं है.