नोटबंदी के बाद जहां नौकरी कर रहे लोग कैश के लिए बैंक और एटीएम की कतारों में लगे हैं. वहीं देश के किसान अपने बच्चों की स्कूल फीस अदा करने के लिए पुराने ढर्रे पर आ गए हैं. मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले के गांवों में रह रहे किसानों ने अपने स्कूल से फीस मांगे जाने और खुद के पास कैश न होने की स्थिति में बच्चों को धान की बोरियां देकर स्कूल भेजने का काम किया है.