तीन महीने से हिंसा की आग में झुलसते कश्मीर के जख्मों को कैसे भरा जाए? घाटी में नफरत फैलाने वालों को बातचीत की मेज पर कैसे लाया जाए? राज्य को ज्यादा स्वाय़त्तता देकर या फौज को मिले विशेष अधिकार को घटाकर? इन्हीं सवालों पर विचार करने के लिए दिल्ली में बुधवार को सर्वदलीय बैठक हो रही है.