'अपराधी कितना क्रूर हो सकता है, कसाब इसकी मिसाल है और अगर कसाब को फांसी नहीं दी गई तो लोगों का कानून पर से भरोसा उठ जाएगा'. डेढ सौ से भी ज्यादा लोगों का कत्ल करके मुस्कुराने वाले हत्यारे कसाब के बारे में अदालत ने यही बात कही. निचली अदालत के फैसले पर मुहर लगाते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि इसे तो फांसी ही होनी चाहिए.