दिल्ली यूनिवर्सिटी में देशभक्ति पर मचे दंगल के बीच राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने विश्वविद्यालयों में असहमति और बहस की स्वतंत्रता पर जोर दिया है. राष्ट्रपति गुरुवार को कोच्चि में छठे के. एस. राजामोनी मेमोरियल लेक्चर में बोल रहे थे.अपने संबोधन में प्रणब मुखर्जी ने कहा- 'देश में असहिष्णु भारतीय के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए. जायज आलोचना और असहमति के लिए जगह होनी चाहिए. विश्वविद्यालयों को अशांति के बजाए तार्किक चर्चा और बहस का माहौल बनाना चाहिए.'