शिव की नगरी श्मशान में तब्दील हो चुकी है. महाविनाश ने ऐसी गुंजाइश भी नहीं छोड़ी है कि सड़कों या अन्य रास्तों से शिवभक्तों के शव नीचे लाए जा सकें. वहां मंदिर के अलावा कुछ नहीं बचा है.