उत्तराखंड आपदा के बाद राहत और बचाव का काम चौथे दिन भी जारी है. 174 लोग अब भी लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है. आपदा में अब तक 32 लोगों की मौत हो चुकी है. तपोवन टनल में अब भी 30 लोगों के फंसे होने की आशंका है. टनल का जलस्तर बढ़ गया है. इस वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में मुश्किल आ रही है.
आईटीबीपी के डिप्टी कमांडेंट एके डबराल ने कहा कि तपोवन सुरंग के अंदर बोल्डर काफी मुश्किल पैदा कर रहे हैं. इसके साथ ही टनल में जलस्तर बढ़ रहा है, जिसकी वजह से भी काफी दिक्कतें आ रही हैं. लापता लोगों की तलाश के लिए ड्रोन और लेजर इमेजिंग का इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है.
रविवार को चमोली जिले के जोशीमठ क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने की वजह से तपोवन टनल में 25 से 35 लोगों के फंसे होने की आशंका है. काफी मशक्कत के बाद रेस्क्यू टीम टनल के 130 मीटर अंदर तक पहुंच गई है, लेकिन मलबे का ढेर है. सुरंग के अंदर 200 मीटर के आसपास लोगों के फंसे होने की आशंका है.
आईटीबीपी के डिप्टी कमांडेंट एके डबराल ने कहा कि सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी समन्वय कर रहे हैं और रणनीति के साथ काम कर रहे हैं. इस बीच कुछ लोगों को लगता है कि बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए और अधिक मशीनों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
केदारनाथ के विधायक मनोज रावत ने कहा कि इस प्रक्रिया को तेज करने के लिए खुदाई और पोकलैंड मशीनों को लाया जाना चाहिए. इस बीच रैणी में तबाह हुए हाइड्रो प्रोजेक्ट साइट पर रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से चल रहा है. एसडीआरएफ कर्मी ऋषि गंगा नदी के पार रस्सियों को फेंकने में सक्षम हो गए हैं.
आपदा के कारण कट गए गांवों में हेलिकॉप्टरों द्वारा आवश्यक आपूर्ति की जा रही है. इसके अलावा, इन गांवों में फंसे लोगों को भी हेलिकॉप्टर द्वारा निकाला जा रहा है. अतिरिक्त सूचना अधिकारी रविंद्र नेगी ने कहा कि हेलिकॉप्टरों द्वारा मंगलवार को लगभग 150 लोगों को इन गांवों से निकाला गया.