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उत्तराखंड: महिलाओं के लिए बड़ा मौका, जिम कॉर्बेट में बन सकती हैं 'जिप्सी सफारी चालक'

इन 50 जिप्सियों का संचालन महिलाओं द्वारा ही किया जाएगा. राज्य में वन संरक्षण और संवर्धन में राज्य की महिलाओं की सीधी भागीदारी सुनिश्चित करने और इसके फलस्वरूप रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए इसे कौशल विकास के माध्यम से स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा.

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जिम कॉर्बेट में महिलाएं बन सकती हैं 'जिप्सी सफारी चालक'
जिम कॉर्बेट में महिलाएं बन सकती हैं 'जिप्सी सफारी चालक'
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जिम कार्बेट में महिलाओं के लिए बड़ा मौका
  • जिम कॉर्बेट में बन सकती हैं 'जिप्सी सफारी चालक'

उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क (Corbett National Park) में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. पहली बार जिप्सी सफारी के लिए महिलाओं की भर्ती शुरू की जाएगी. ये नया कदम महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने के लिए लिया जा रहा है. बताया गया है कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में पर्यटन सत्र के लिए 50 महिला जिप्सी संचालकों की भर्ती और जिप्सियों का पंजीकरण का कार्य प्रशासन ने शुरू कर दिया है.

इन 50 जिप्सियों का संचालन महिलाओं द्वारा ही किया जाएगा. राज्य में वन संरक्षण और संवर्धन में राज्य की महिलाओं की सीधी भागीदारी सुनिश्चित करने और इसके फलस्वरूप रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए इसे कौशल विकास के माध्यम से स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा. 

इसके लिए कोर्बेट प्रशासन ने 50 महिला जिप्सी चालकों की भर्ती को लेकर कार्य शुरू कर दिया है. इस विषय में जानकारी देते हुए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर कल्याणी ने बताया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत 50 अतिरिक्त वाहनों का पंजीकरण किया जाएगा. जिनका संचालन महिलाओं द्वारा किया जाएगा तो उसके लिए उच्च स्तर से विज्ञप्ति भी जारी कर दी गई है.

उसमें कई आवेदन भी प्राप्त हो चुके हैं. अब उन आवेदनों की जांच करते हुए आगे की कार्रवाई की जाएगी. वैसे अब जिन महिलाओं को वाहन चलाना नहीं भी आता है, उन्हें भी भर्ती करवाया जा सकता है. कार्बेट टाइगर रिजर्व द्वारा ही उन महिलाओं को वाहन चलाना सिखाया जाएगा और जब वे ड्राइविंग में निपुण हो जाएंगी, तब उन्हें जिप्सी सफारी चलाने का मौका दिया जाएगा.

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ऐसे में आने वाले दिनों में जिम कार्बेट में महिलाओं की सक्रिय भूमिका होने जा रही है. वे भी जिप्सी सफारी चलाती दिख जाएंगी. बताया ये भी गया है कि वाहन खरीदने के लिए जो वित्तीय सहायता की आवश्यकता पड़ेगी, उसे भी नियम अनुसार वीरचंद गढ़वाली योजना के तहत दिया जाएगा. ऐसे में पूरी तैयारी के बाद इस नए बदलाव पर अमल किया जा रहा है.

राहुल सिंह की रिपोर्ट
 

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