यूपीए शासन में सुनसान हो गई योग गुरु बाबा रामदेव की पंतजलि योगपीठ में फिर से चहल पहल होने लगी है. एक बार फिर यहां राजनेताओं और मंत्रियों का जमावड़ा लगने लगा है. एक वक्त था जब बाबा के कार्यक्रमों में मंच पर एक साथ दर्जनों मंत्री, नेता दिखाई देते थे. पर यूपीए सरकार ने रामदेव के खिलाफ कार्रवाई शुरू की तो उनसे कई मंत्रियों व राजनेताओं ने दूरी बना ली. केन्द्र में सत्ता बदली तो बाबा के दिन भी बदल गए.
पंतजलि योगपीठ के शिलान्यास के वक्त देश के उपराष्ट्रपति, तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव सहित करीब एक दर्जन केंद्रीय मंत्री, सांसद, बड़े धर्माचार्य और अशोक पी हिन्दूजा जैसे करीब आधा दर्जन उद्योगपति एक साथ बाबा के मंच की शोभा बढ़ा रहे थे.
बाबा की शोहरत और ताकत दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ रही थी. पर रामदेव ने काले धन के मसले पर यूपीए सरकार से पंगा क्या लिया, सबकुछ बदल गया. उनके खिलाफ कार्रवाई होने लगी. बस यहीं से ज्यादातर राजनेताओं व अन्य लोगों ने भी बाबा से नजरें चुरा ली. लेकिन मोदी सरकार के आते ही बाबा की बगिया फिर से लहलहाने लगी है.
बाबा रामदेव के करीबी बालकृष्ण के जन्मदिन के अवसर पर उन्हें शुभकामनाएं देने कई केंद्रीय मंत्री और राजनेता पहुंचे. बाबा रामदेव भी फिर से लगने लगे जमावड़े से काफी खुश हैं. बाबा ने तो साफ कहा कि मोदी और उनका पूरा मंत्रिमंडल पंतजलि योगपीठ के सपनों को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है.
अपने जन्मदिन के मौके पर नेताओं का जमावड़ा देख कर फर्जी पासपोर्ट के मामले में फंसे आचार्य बालकृष्ण के चेहरे पर सुकून साफ दिखाई दे रहा था. शायद यह खुशी सत्ता के फिर से करीब होने का है.