गंगा पर बन रहे बांधों के खिलाफ पिछले 101 दिनों से अनशन पर बैठे स्वामी ज्ञानस्वरूप सांनद ने अब जल भी त्याग दिया है. उनका अनशन हरिद्वार में मातृ सदन आश्रम में रविवार को 102वें दिन में प्रवेश कर गया है.
13 जून से अनशन पर बैठे और वैज्ञानिक से संत बने स्वामी सानंद अब तब तक बिना जल लिये ही अनशन करते रहेंगे जब तक सरकार गंगा पर बन रहे बांधों का काम रोक कर गंगा की अविरलता को सुनिश्चित नहीं करती.
इससे पहले 100 दिन तक सानंद अपने अनशन में दिन में एक दो बार नींबू पानी और शहद ले रहे थे.
स्वामी ज्ञानस्वरूप सांनद का कहना है कि पिछले साल 17 अप्रैल को दिल्ली में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की बैठक में अशवासन दिया था कि उत्तराखंड में नदियों पर बन रही जल विद्युत परियोजनाओं को बंद किया जायेगा पर इसके बाद भी जब परियोजनाओं को बंद नही किया गया.
स्वामी सानंद ने 20 सितंबर को अपना पत्र प्रधानमंत्री को भेजा था और 21 सितम्बर को राज्य के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा हरिद्वार में कांग्रेसी सासंद सतपाल महाराज के जन्मदिन के जश्न में शरीक होने आये थे. इस दौरान जब उनसे सानंद के जल त्याग के ऐलान पर पूछा गया तो उनसे मिलने जाना तो दूर मुख्यमंत्री ने जवाब देना भी उचित नही समझा था.