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UP: योगी कैबिनेट में जगह बनाने वाले इन 5 चेहरों ने चौंकाया

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर दूसरी बार योगी आदित्यनाथ आज शपथ ले ली है. केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने डिप्टी सीएम पद के तौर पर शपथ ली. सीएम और डिप्टी सीएम सहित योगी कैबिनेट में 53 दिग्गज हैं. 

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शपथ ग्रहण समारोह के बाद योगी समेत योगी कैबिनेट के मंत्रियों और राज्यपाल के साथ पीएम मोदी.
शपथ ग्रहण समारोह के बाद योगी समेत योगी कैबिनेट के मंत्रियों और राज्यपाल के साथ पीएम मोदी.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल सचान को बनाया गया है मंत्री
  • दानिश आजाद अंसारी योगी कैबिनेट में एकमात्र मुस्लिम मंत्री

योगी आदित्यनाथ ने भव्य शपथ ग्रहण सारोह में शुक्रवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके अलावा योगी कैबिनेट में 2 डिप्टी सीएम और 50 अन्य विधायकों ने मंत्रिपद, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और राज्य मंत्री पद की शपथ ली. यानी योगी कैबिनेट में योगी समेत 53 मंत्री शामिल हैं.

योगी कैबिनेट में शामिल जिन चेहरों ने शामिल होकर चौंकाया, उनमें दानिश आजाद अंसारी, राकेश सचान, जसवंत सैनी, रामकेश निषाद और अनूप प्रधान शामिल हैं. 

शपथ लेते राकेश सचान.

राकेश सचान: योगी कैबिनेट में कानपुर देहात के भोगनीपुर सीट से विधायक चुने गए राकेश सचान को शामिल किया गया है. सचान ने सपा प्रत्याशी नरेंद्र पाल सिंह मनु को हराया है. सचान सपा के सांसद रह चुके हैं. यूपी चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर वे भाजपा में शामिल हुए थे. 

कानपुर के किदवई नगर के रहने वाले राकेश सचान ने समाजवादी पार्टी से राजनीति करियर की शुरुआत की थी. वे घाटमपुर से 1993 और 2002 में विधायक रह चुके हैं. वे मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव के करीबी माने जाते हैं.

दानिश आजाद अंसारी. -फाइल फोटो

दानिश आजाद अंसारी: दानिश योगी कैबिनेट में शामिल एकमात्र मुस्लिम नेता हैं. बलिया के बसंतपुर के रहने वाले दानिश को राज्य मंत्री बनाया गया है. दनिश भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश महामंत्री है. 2018 में फखरुद्दीन अली अहमद मेमोरियल कमेटी के सदस्य रहे दानिश को उर्दू भाषा समिति का सदस्य बनाया गया. ये एक तरह से दर्जा प्राप्त मंत्री का पद होता है. अक्टूबर 2021 में दानिश को बीजेपी ने अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश महामंत्री पद की जिम्मेदारी दी थी.

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दानिश ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से छात्र राजनीति की शुरुआत की. 32 साल के दानिश ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से बी.कॉम और मास्टर ऑफ क्वालिटी मैनेजमेंट फिर मास्टर ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई की है. 

जसवंत सैनी. -फाइल फोटो

जसवंत सैनी: योगी कैबिनेट में शामिल जसवंत सैनी ने भी चौंकाया है. रामपुर मनिहारान क्षेत्र के आजमपुर के रहने वाले जसवंत सैनी उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हैं. 1989 में सैनी ने संघ कार्यकर्ता के तौर पर काम करना शुरू किया और फिर उन्होंने राजनीति में एंट्री मारी. 2009 में पहली बार उन्होंने लोकसभा का चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा.

जसवंत सैनी ने रामपुर मनिहारान कॉलेज से ग्रेजुएशन के बाद सहारनपुर के जैन डिग्री कॉलेज से एमए और एलएलबी की पढ़ाई की. उन्होंने देवबंद तहसील प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली है. इसके अलावा वे सहानरपुर भाजपा के अध्यक्ष भी रहे हैं. 2010 से 2014 तक सैनी भाजपा प्रदेश मंत्री रहे. इसके अलावा वे 2017 से 2020 तक प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे.
2019 में सैनी को राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का उपाध्यक्ष, फिर 2021 में उन्हें अध्यक्ष बनाया गया था. 

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के साथ रामकेश निषाद. -फाइल फोटो

रामकेश निषाद: बांदा जिले के पैलानी निवासी तिंदवारी से विधायक रामकेश निषाद ने राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली है. रामकेश निषाद ने भाजपा के पूर्व विधायक सह समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी ब्रजेश प्रजापति को 23 हजार मतों से हराया था. तिंदवारी विधानसभा हमीरपुर महोबा संसदीय क्षेत्र में आती है. यहां से पूर्व सीएम वीपी सिंह चुनाव जीत चुके हैं.

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अनूप प्रधान. -फाइल फोटो

अनूप प्रधान: अलीगढ़ जिले के खैर विधानसभा सीट से जीते अनूप प्रधान वाल्मीकि के परिवार में पहले से किसी भी सदस्य का राजनीति से कोई संबंध नहीं है. किसान से परिवार से आने वाले अनूप वाल्मीकि ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही प्राथमिक विद्यालय से पूरी की है. इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए वे अलीगढ़ आ गए. 

सुभारती यूनिवर्सिटी से बीए करने के बाद उन्होंने राजनीति में एंट्री की. 2005 में पहली बार जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़े लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा. 2010 में हुए ग्राम प्रधान इलेक्शन में चुनाव जीतकर अपने गांव से प्रधान चुने गए. इसके बाद भाजपा संगठन में काम किया. इस दौरान वे एससी/एसटी संगठन में रहे, युवा मोर्चा में रहे. 2012 में भाजपा ने खैर सुरक्षित विधानसभा सीट से विधानसभा चुनाव का टिकट दिया लेकिन ये चुनाव हार गए.

2017 में भाजपा ने भरोसा जताते हुए अनूप को दोबारा टिकट दिया और इस बार जिले में रिकॉर्ड मतों से अनूप वाल्मीकि ने चुनाव जीता और विधायक बने. 2022 में भी बड़े अंतर से जीतकर अनूप प्रधान विधायक बने हैं. 

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