कानपुर शूटआउट के मास्टरमाइंड विकास दुबे के एनकाउंटर की सीबीआई या एसआईटी जांच को लेकर दायर जनहित याचिकाओं पर कल यानी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एसए बोवडे की बेंच मामले सुनवाई करेगी. इस बेंच में जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस ए बोपन्ना भी रहेंगे.
सुप्रीम कोर्ट में मुंबई के वकील घनश्याम उपाध्याय और वकील अनूप अवस्थी ने जनहित याचिका दायर की है. याचिका में यूपी पुलिस की भूमिका की जांच की मांग की गई है. हालांकि याचिका मुठभेड़ से पहले देर रात दायर की गई थी, जिसमें विकास दुबे की भी एनकाउंटर किए जाने की आशंका जाहिर की गई थी.
पढ़ें- विकास दुबे के मारे जाने पर बोले कमलनाथ- महाकाल की नजरों से कोई भी पापी नहीं बचेगा
केके शर्मा ने भी दाखिल की याचिका
इस पूरे मामले में गिरफ्तार उत्तर प्रदेश (यूपी) पुलिस के सब इंस्पेक्टर केके शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. उन्होंने जान को खतरा होने की संभावना जताई है. केके शर्मा ने पूरे मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की है. केके शर्मा पर विकास दुबे के लिए मुखबिरी करने का आरोप है.
पढ़ें- बस से उज्जैन, ऑटो से महाकाल मंदिर... ऐसे MP पहुंचा गैंगस्टर विकास दुबे
यूपी सरकार ने न्यायिक आयोग का किया गठन
गौरतलब है कि यूपी पुलिस के साथ कथित मुठभेड़ में गैंगस्टर विकास दुबे की मौत की जांच के लिए यूपी सरकार ने एक आयोग का गठन किया है. इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज शशिकांत अग्रवाल इस मामले की जांच करेंगे. यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इस कमीशन के लिए उनकी नियुक्ति की.
ये ज़रूर पढ़ेंः बिकरू शूटआउट से लेकर विकास दुबे के एनकाउंटर तक, जानिए हर दिन क्या हुआ
यूपी पुलिस ने क्या किया था दावा
यूपी पुलिस ने दावा किया था कि विकास दुबे तब मारा गया था जब उसे उज्जैन से कानपुर लेकर आ रही गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई. इस दौरान विकास दुबे ने पुलिस की गिरफ्त से भागने की कोशिश की. पुलिस की कार्रवाई में वह मारा गया. विकास दुबे के पांच अन्य गुर्गे पुलिस के साथ एनकाउंटर में अलग-अलग जगहों पर एनकाउंटर में मारे गए.