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मुजफ्फरनगर दंगे की तपिश बढ़ाएगी मोदी की मेरठ रैली

मेरठ में 2 फरवरी को होने जा रही नरेंद्र मोदी की विजय शंखनाद रैली कई मामलों में बीजेपी की अब तक की रैलियों से अलग होगी. यह भीड़ की कसौटी पर ही नहीं कसी जाएगी बल्कि मुजफ्फरनगर दंगे के बाद बीजेपी के पक्ष में बने माहौल की तपिश को बढ़ाने और उसके असर के रूप में देखी जाएगी.

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नरेंद्र मोदी
नरेंद्र मोदी

मेरठ में 2 फरवरी को होने जा रही नरेंद्र मोदी की विजय शंखनाद रैली कई मामलों में बीजेपी की अब तक की रैलियों से अलग होगी. यह भीड़ की कसौटी पर ही नहीं कसी जाएगी बल्कि मुजफ्फरनगर दंगे के बाद बीजेपी के पक्ष में बने माहौल की तपिश को बढ़ाने और उसके असर के रूप में देखी जाएगी.

अब तक हुई रैलियों में भाजपा आमतौर पर पांच से सात लाख की भीड़ जुटाने का दावा करती रही है. इस लिहाज से उसे इस रैली में इससे ज्यादा भीड़ जुटानी होगी. वैसे भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश अन्य क्षेत्रों की तुलना में बीजेपी के लिए अपेक्षाकृत काफी उपजाऊ रहा है. इस समय पार्टी के 47 विधायकों में सबसे ज्यादा 12 इसी क्षेत्र से जीतकर आए हैं.

बीजेपी के कुछ प्रमुख नेता इसी क्षेत्र से चुनकर आते हैं तो कुछ यहीं के रहने वाले हैं. प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी मेरठ से विधायक हैं तो विधान मंडल दल के नेता हुकुम सिंह इसी क्षेत्र के मुजफ्फरनगर जिले के कैराना से विधायक हैं. बीजेपी के संगठनात्मक ढांचे की देखरेख करने वाले प्रदेश महामंत्री (संगठन) राकेश कुमार भी इसी क्षेत्र के हैं.

राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह भी पश्चिम क्षेत्र के गाजियाबाद से सांसद हैं इसलिए रैली में जुटने वाली भीड़ इन सभी नेताओं की पहुंच की कसौटी बनेगी. मेरठ रैली में बीजेपी के अपने पैमाने की भी परीक्षा होगी. आगरा में 21 नवंबर को हुई रैली से ठीक पहले पार्टी के विधायक संगीत सोम रिहा होकर बाहर आए थे.

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प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने सोम का आगरा की रैली में मोदी के हाथों सम्मान कराने की घोषणा कर दी. पर, रैली वाले दिन मोदी और पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह मंच पर तब आए जब सोम को पगड़ी और माला पहनाकर मंच से हटा दिया गया. काफी दिन तक यह चर्चा रही कि मोदी और राजनाथ सहित केंद्रीय नेतृत्व नहीं चाहता कि मुजफ्फरनगर की घटना को तूल दिया जाए.

अब रैली वहां होने जा रही है जो खुद मुजफ्फरनगर की आग से झुलसा है. पार्टी विधायक संगीत सोम व सुरेश राणा यहीं के हैं. भाजपा व संघ परिवार के कई कार्यकर्ताओं को भी दंगों के चलते जेल जाना पड़ा. ऐसे इलाके में मोदी का इन विधायकों को लेकर रुख और उनके भाषण के तेवर देखने वाले होंगे.

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