उत्तर प्रदेश का सेक्टर 151 नोएडा का दिल कहा जाता है. यह इलाका साउथ नोए़डा का सबसे बेहतरीन और पॉश इलाका है. अब यहां बनाने का सपना जल्द पूरा हो सकता है. नोएडा प्राधिकरण जल्द ही 250 आवासीय भूखंडों की एक योजना लॉन्च करने जा रहा है. इन जमीनों का आवंटन ऑनलाइन बोली के जरिए किया जाएगा.
नोएडा अथॉरिटी के सीईओ ऋतु महेश्वरी का कहना है कि सेक्टर 151, 150, 152 ऐसे सेक्टर हैं, जहां पर साउथ नोएडा तरक्की की राह पर है.अब तक इन सेक्टर में सिर्फ बिल्डरों को ही ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट के तहत प्लॉट दिए गए थे. पिछले महीने किसानों को भूखंड दिए गए. अब प्राधिकरण ने आम जन के लिए भूखंड आवंटित करने की योजना बनाई है.
ऋतु महेश्वरी ने कहा कि नियम के मुताबिक 50 फीसदी प्लॉट सामान्य श्रेणी और 50 फीसदी आरक्षित श्रेणी में शामिल किए जाएंगे. ये भूखंड 250, 300 और 450 वर्ग मीटर श्रेणी के होंगे. जुलाई अंत तक प्राधिकरण योजना को लॉन्च कर देगा. इन प्लॉट की रिजर्व कीमत 47,180 रुपए प्रति वर्ग मीटर रखी गई है.
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ज्यादा प्राइस की लगानी होगी बोली
जमीन खरीदने के इच्छुक लोगों को रिजर्व प्राइस से ज्यादा की बोली लगानी होगी. किसी प्लॉट के लिए जो सबसे ज्यादा बोली लगाएगा, उसे प्लॉट आवंटित किया जाएगा. यह सेक्टर दक्षिणी नोएडा का बेहतरीन सेक्टर है. सेक्टर-151 में नोएडा प्राधिकरण गोल्फ कोर्स, हेलीपोर्ट और एडवेंचर स्पोर्ट्स सिटी बनाने जा रहा है.
बेहद खास है सेक्टर 151 का इलाका
जेवर में बनने वाला नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी इस इलाके से करीब 30 किमी की दूरी पर है. बेहतर कनेक्टिविटी की वजह से एयरपोर्ट पहुंचना बेहद आसान होगा. ग्रेटर नोएडा की फिल्म सिटी भी इस इलाके से नजदीक है.
नोएडा विकास प्राधिकरण से क्यों नाराज बिल्डर?
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों और प्राधिकरण की खींचतान के चलते हजारों फ्लैट खरीदार परेशान हाल हैं. उनकी सुनवाई ना तो प्राधिकरण में हो रही है और ना ही बिल्डर उनकी बात सुनने को तैयार हैं. यही वजह है कि गुरुवार को औद्योगिक विकास आयुक्त और नोएडा ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के चेयरमैन संजीव मित्तल ने एक बड़ी बैठक की प्राधिकरण की. इस बैठक में अधिकारियों और बिल्डरों दोनों को शामिल किया गया.
बैठक के दौरान बिल्डरों ने नोएडा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अफसरों पर गंभीर आरोप लगाए. गौतमबुद्ध नगर के तीनों प्राधिकरण के चैयरमैन बैठक में शामिल हुए. प्राधिकरण पर बिल्डरों ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं. बिल्डिरों का कहना है कि प्राधिकरण की मनमानी के चलते हजारों फ्लैट खरीदार फंसे हैं.