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लोकायुक्त के मामले में नहीं हुई कोई धांधली: यूपी सरकार

राज्य सरकार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के सामने जो भी नाम राज्य सरकार की ओर से भेजे गए थे, वे वही नाम थे जो सरकार ने प्रस्तावित किए थे.

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यूपी सरकार ने लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर उठे विवाद में मंगलवार को विज्ञप्ति जारी करके सफाई पेश की है. राज्य के सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति में उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया गया है जिनमें कहा गया था कि सरकार ने लोकायुक्त के लिए चयनित संभावित नामों में हेरफेर किया है.

विज्ञप्ति के मुताबिक, सरकार इस बात का खंडन करती है कि सुप्रीम कोर्ट को भेजी गई लिस्ट में किसी ऐसे शख्स का नाम था जिस पर पहले विचार नहीं किया गया था. इस संबंध में बीते 17 दिसंबर को कई समाचार पत्रों में खबरें सामे आईं थीं.

विभाग ने कहा, क्योंकि उक्त पत्र की गोपनीयता अब नहीं रही, इसलिए इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से कुछ तथ्यों पर अपना रुख स्पष्ट किया जाना जरूरी है. 15 और 16 दिसम्बर, 2015 को लोकायुक्त की चयन संबंधी बैठकों में पहला नाम रिटायर्ड जस्टिस वीरेन्द्र सिंह का ही था और इस पर चर्चा भी हुई थी.

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साथ ही यह भी कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के सामने जो भी नाम राज्य सरकार की ओर से भेजे गए थे, वे वही नाम थे जो सरकार ने प्रस्तावित किए थे और जिन पर संबंधित पक्षों के साथ विचार-विमर्श भी किया गया था.

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