नरेंद्र मोदी आगरा और मुलायम सिंह यादव बरेली में रैली कर रहे थे तो यूपी कांग्रेस के प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव मधुसूदन मिस्त्री के नेतृत्व में पार्टी के हजारों कार्यकर्ता 21 नवंबर की दोपहर लखनऊ में विधान भवन का घेराव करने सड़कों पर उतरे थे.
यूपी में सपा सरकार बनने के बाद पहली बार कांग्रेस ने केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी और जनकल्याणकारी योजना खाद्य सुरक्षा कानून 'भोजन का अधिकार' को प्रदेश में लागू न किये जाने के विरोध में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) के खिलाफ अपना आक्रोश दिखाया.
दोपहर बारह बजे मधुसूदन मिस्त्री, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल खत्री समेत पार्टी के सभी सांसद, विधायक और हजारों की संख्या में कार्यकर्ता गोमती किनारे लक्ष्मण मेला मैदान पहुंचे. यहां रैली की शक्ल में नेताओं ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. इसके बाद कार्यकर्ता विधानभवन घेरने निकल पड़े.
पुलिस ने सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग कर रखी थी लेकिन जैसे ही कार्यकर्ता इसे तोड़कर आगे बढ़े पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. दौड़ा-दौड़ा कर कांग्रेसी कार्यकर्ता पीटे गए. मधुसूदन मिस्त्री के नेतृत्व में कांग्रेसी नेता विधानभवन के सामने धरने पर बैठ गए. पुलिस ने इन्हें भी जबरन उठाकर इनपर लाठियां बरसाकर खदेड़ने की कोशिश की.
पुलिसकर्मियों ने मधुसूदन मिस्त्री के कपड़े भी फाड़ डाले. मिस्त्री के साथ प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री, सांसद कमल किशोर कमांडो, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पी. एल. पुनिया को भी लाठीचार्ज में गंभीर चोटें आयी हैं. इसके अलावा दो दर्जन से अधिक घायल नेताओं को लखनऊ के बलरामपुर और सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है. दिन भर चले प्रदर्शन में हजारों कांग्रेसियों ने गिरफ्तारियां दीं.