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Farrukhabad Hostage Case: सिस्टम से नाराज था सनकी, बच्चों को बना लिया बंधक

Farrukhabad Hostage Case: जिलाधिकारी को लिखे इस पत्र में सनकी सुभाष बॉथम ने ग्राम प्रधान पर आवास और शौचालय जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ देने से इनकार करने और इसके लिए जिलाधिकारी से भी गुहार लगाने का जिक्र किया था. अपनी मांगों पर कोई पहल नहीं होने और योजनाओं का लाभ नहीं मिलने के कारण वह सिस्टम से नाराज था.

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Farrukhabad Hostage Case: आरोपी सुभाष बॉथम (फाइल फोटो)
Farrukhabad Hostage Case: आरोपी सुभाष बॉथम (फाइल फोटो)

  • पत्र में ग्राम प्रधान पर लगाया शौचालय और आवास न देने का आरोप
  • इसके लिए जिलाधिकारी से भी लगाई थी गुहार, बाहर भेजा पत्र

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले के मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के करथिया गांव में गुरुवार को एक सिरफिरे ने 20 बच्चों को बंधक बना लिया था. घंटों चले हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद पुलिस ने देर रात उसे ढेर कर सभी बच्चों को सुरक्षित बचा लिया, लेकिन इस घटना ने फर्रुखाबाद से लेकर लखनऊ तक, एक हलचल उत्पन्न कर दी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देर रात आपातकालीन बैठक कर फर्रुखाबाद के अधिकारियों को फटकार लगानी पड़ी.

इस पूरे घटनाक्रम के पीछे आखिर वजह क्या थी, इस पहलू से पर्दा उठा सिरफिरे शख्स की ओर से बाहर भिजवाए गए पत्र से. जिलाधिकारी को लिखे इस पत्र में सनकी सुभाष बॉथम ने ग्राम प्रधान पर आवास और शौचालय जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ देने से इनकार करने और इसके लिए जिलाधिकारी से भी गुहार लगाने का जिक्र किया था. अपनी मांगों पर कोई पहल नहीं होने और योजनाओं का लाभ नहीं मिलने के कारण वह सिस्टम से नाराज था.

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बताया जाता है कि मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने सुभाष से उसके दोस्तों के जरिए संपर्क कर मान-मनौव्वल की कोशिशें शुरू की थीं. बच्चों को मुक्त करने के लिए हो रही मान-मनौव्वल के बीच उसने 10 महीने के एक बच्चे को एक पत्र के साथ घर से बाहर भेज दिया. उसकी ओर से भेजे गए खत में जो आरोप अधिकारियों पर लगाए गए थे, वह शासन और प्रशासन के दावों की पोल खोलने और नाकामी उजागर करने वाले थे.

farrukhabad_013120085653.jpgसुभाष ने जिलाधिकारी को लिखा था पत्र

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पत्र में उसने आरोप लगाया कि वह काफी दिनों से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास और शौचालय बनवाने की मांग करता रहा है. उसकी गुहार किसी ने नहीं सुनी और हर बार गुहार लगाने पर उसे नाकामी हाथ लगी. वह मजदूरी करके अपने बच्चों का पालन-पोषण करता है और उसकी बुजुर्ग मां भी है. चलने-फिरने में असमर्थ मां को शौच के लिए बाहर जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

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गौरतलब है कि सरकार ने खुले में शौच के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है. देश को ओडीएफ भी घोषित किया जा चुका है, ऐसे में सुभाष को शौचालय का मिलना और उसके परिवार का शौच के लिए बाहर जाना कहीं न कहीं सिस्टम को ही कटघरे में खड़ा करता है. बता दें कि सुभाष बॉथम ने अपने बच्चे का जन्मदिन मनाने के बहाने बच्चों को घर बुलाकर बंधक बना लिया था.

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