फर्जी आईएएस, आईपीएस ऑफिसर के बाद अब फर्जी कैदी का मामला सामने आया है. पिछले महीने, एक आदमी ने जिला कोर्ट एटा में सरेंडर किया. उसका दावा था कि वह वांटेड अपराधी एहसान है. उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल में भर दिया.
इस कैदी का राज जल्द खुलने लगा और जब कहानी सामने आई तो सब चौंक गए. दरअसल, ये आदमी वांटेड अपराधी है ही नहीं. बल्कि ये एक मजदूर है. इसका नाम मियाजान है, जो असल अपराधी के बदले जेल में बंद था और उसे इसके लिए हर दिन 300 रुपये मिलते थे. ये रकम जो वो रोज कमाता था, उससे दोगुनी थी.
मामला तब खुला, जब मियाजान की पत्नी उससे मिलने आई. उस दिन उसे कोर्ट में जमानत अर्जी की सुनवाई के लिए ले जाया जा रहा था. उसने तब अधिकारियों को बताया कि वह अपराधी नहीं है, बल्कि उसके पति और एहसान की डील हुई, जिसके चलते वो जेल में बंद है.
एहसान पर पशु स्मगलिंग का केस चल रहा है और वह इस केस में पिछले नवंबर से है. जब कोर्ट ने उसे समन भेजा, तो उसने अपनी जगह किसी और को भेजने का सोचा.
एटा के एसएसपी एसके वर्मा ने कहा, 'एहसान ने एक ट्रिक खेली. उसने अपनी जगह मियाजान को फर्जी पहचान पत्र के साथ कोर्ट भेजा, जिससे वो उसकी जगह जेल में बंद हो. यही नहीं, उसने मियाजान को भी भरोसे में लिया और उसे यकीन दिलाया कि उसे जल्द ही जमानत दिला देगा, लेकिन मियाजान की पत्नी ने सारा प्लान खराब कर दिया.'
इस दौरान, फर्जी कैदी को पुलिस ने एक अपराधी की मदद करने के लिए जेल में बंद कर दिया है. पुलिस असली अपराधी एहसान को ढूंढ़ने में जुटी है.