यूपी के देवरिया जिले की भाटपाररानी विधानसभा सीट समाजवादी पार्टी का अभेद किला मानी जाती थी. भाटपाररानी सीट पर पिछले पांच चुनाव से एक परिवार का कब्जा था. इस दफे जहां पूर्वांचल में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को नुकसान उठाना पड़ा है वहीं देवरिया की भाटपाररानी विधानसभा सीट पर पहली बार कमल खिला है.
बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे सभा कुंवर कुशवाहा ने भाटपाररानी सीट पर कमल खिलाकर इतिहास रच दिया है. बीजेपी ने देवरिया जिले में क्लीन स्वीप करते हुए सभी सातों सीटें जीत ली हैं. गौरतलब है कि भाटपाररानी विधानसभा सीट ऐसी सीट थी जहां बीजेपी इस चुनाव से पहले कभी नहीं जीत पाई थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसी सीटों को अपनी प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर रखा था जहां बीजेपी कभी नहीं जीत पाई थी.
बीजेपी ने आश्चर्यजनक रूप से पिछला सात चुनाव हार चुके बहुजन समाज पार्टी छोड़कर आए सभा कुंवर कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया. सभा कुंवर कुशवाहा ने पांच चुनाव से लगातार एक ही परिवार के कब्जे में रही भाटपाररानी सीट पर पहली बार कमल खिलाकर इतिहास रच दिया है. सभा कुंवर कुशवाहा को सात चुनाव हारने के बाद आठवें प्रयास में सफलता मिली.
बीजेपी के सभा कुंवर ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सपा विधायक डॉक्टर आशुतोष उपाध्याय बबलू को 18084 वोट से हरा दिया. बीजेपी के सभा कुंवर को 91284 वोट मिले वहीं सपा के आशुतोष उपाध्याय को 73200, कांग्रेस के केशव चंद यादव को 4484 और बसपा के अजय कुशवाहा को 18576 वोट मिले.
सीएम योगी ने 27 नवंबर को की थी कमल खिलाने की अपील
योगी आदित्यनाथ 27 नवंबर को भाटपाररानी के बहियारी बघेल स्थित रघुराज सिंह इंटर कालेज में रघुराज सिंह की मूर्ति का अनावरण करने पहुंचे थे. योगी आदित्यनाथ ने जनसभा को संबोधित करते हुए बीजेपी के लिए ऊसर रही इस सीट से 2022 में कमल खिलाने की अपील की थी. बता दें कि 2017 में इस सीट से बीजेपी ने सलेमपुर लोकसभा सीट से सांसद रविंद्र कुशवाहा के छोटे भाई जयनाथ कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया था लेकिन मोदी लहर के बावजूद सपा के आशुतोष उपाध्याय जीतने में सफल रहे थे.