छत्तीसगढ़ में शौचालय बनाने का जूनून सरकारी अफसरों पर इस कदर हावी हो गया है कि यह मामला अब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड तक जा पहुंचा है. कलेक्टरों से लेकर कई सरकारी विभागों के बीच शौचालय बनाने की होड़ मची हुई है. हर एक अफसर इस मामले में एक दूसरे को पछाड़ कर तमगा हासिल करना चाहता है. शौचालय निर्माण की दिशा में सार्थक प्रयास करने पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के हाथों पुरस्कार दिया जाता है. अभी तक सरकारी महकमों और अफसरों के बीच शौचालय निर्माण की यह प्रतिस्पर्धा सिर्फ पुरुस्कार पाने तक सीमित रहती थी. वहीं यह मुहिम अब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम करने तक पहुंच गई है.
स्वच्छ भारत मिशन के तहत अफसरों ने दस दिन में दस हजार शौचालय बनाने की योजना तैयार की है. रायपुर के अभनपुर ब्लॉक को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए 7 सिंतबर से 17 सिंतबर तक विशेष अभियान चलाया जाएगा. इस अवधि को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने के प्रयास हो रहे हैं. सरकार की ओर से स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण के लिए अधिकारियों पर जबरदस्त दबाव है. इसके चलते लगातार सम्मेलन, बैठक और विभिन्न कार्यकर्मों के जरिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है.
सरकारी अफसरों और पंचायत प्रतिनिधियों की एक बैठक में दस हजार शौचालय डेढ़ हफ्ते के भीतर निर्मित करने को लेकर मुहर लगाई गई. इस बैठक में अधिकारियों ने यह भी तय किया कि दस दिनों तक शौचालय निर्माण का एक उत्सव मनाया जाएगा. इस उत्सव में गांव के गली-कस्बों और चौपालों में सभाएं कर लोगों को शौचालय का महत्व बताया जाएगा. ग्रामीणों की भीड़ के बीच तय कार्यक्रम में एक दिन के भीतर एक हजार बनाते हुए दस दिन के भीतर दस हजार शौचालय बनाने का लक्ष्य रखा गया है.
अभनपुर जनपद पंचायत की CEO स्वेच्छा सिंह के मुताबिक गुणवत्ता पर भी ध्यान देने के साथ-साथ उनका प्रयास होगा कि मजदूरों की मौजूदगी भी दर्ज हो. ताकि निर्माण कार्य में तेजी बनी रहे. छत्तीसगढ़ में शौचालय निर्माण को लेकर कई तरह की खामी और गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्य के कई मामले सुर्खियों में रहे हैं. इस बीच यह वर्ल्ड रिकॉर्ड गुणवत्ता के मामले में कितना खरा उतरेगा यह तो वक्त ही बताएगा.