बाघंबरी मठ के महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के बाद मंगलवार को बलवीर गिरि को उनका उत्तराधिकारी नियुक्त कर दिया गया. साधु संत और निरंजनी अखाड़े के श्रीमहंत ने बलवीर गिरि की चादरपोशी कर उन्हें मठ का महंत घोषित किया.
नए उत्तराधिकारी बनने के बाद बलवीर गिरि ने आज तक से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि महंत नरेंद्र गिरि की जिम्मेदारी बहुत बड़ी थी, मठ की जिम्मेदारी भी बड़ी है उन्हीं के रास्ते पर चलते हुए पूरा करने की कोशिश करूंगा. महंत नरेंद्र गिरि पिता की तरह जीवन भर याद आएंगे, उनकी जगह कोई नहीं ले सकता.
उन्होंने कहा कि मठ की विरासत को आगे बढ़ाना है. मैंने देखा है कि उन्होंने यहां कैसे काम किया, उन्हीं के मार्ग पर चलकर गद्दी संभालूंगा. महाराज जी समय के पाबंद थे, उनका जाना मेरे लिए व्यक्तिगत बहुत बड़ी क्षति है जो कभी पूरी नहीं होगी.
आनंद गिरि पर जब सवाल पूछा गया तो बलवीर गिरि ने कहा कि मुझे उन पर कुछ नहीं कहना है. मामला एजेंसी के हाथ में है, मेरा बोलना व्यर्थ है. न्यायालय जो बोलेगा, वही मंजूर है. इस प्रकरण में मुझसे जो कुछ भी पूछा गया, उसका मैंने जवाब दे दिया है बाकी काम जांच एजेंसी का है.
उन्होंने कहा कि मुझे पद की कोई लालसा नहीं, बाघंबरी गद्दी गद्दी का वर्चस्व बना हुआ है और उसे बनाए रखना मेरा पहला कर्तव्य है. फिलहाल मुझे कोई चुनौती नहीं लगती, जो काम चल रहे हैं उन्हें आदि बढ़ाना है.
आगे कहा कि बाघंबरी गद्दी में कभी कोई विवाद नहीं था, पंच परमेश्वर से लेकर सभी यहां मौजूद रहे. महंत के जिम्मेदारी से यहां रह कर सभी मुद्दों की जानकारी लूंगा और उसके बाद ही कुछ कह सकूंगा. महंत के तौर पर जो मुद्दे सुलझाने होंगे वो मैं सुलझा लूंगा बाकी प्रकरण प्रशासन के हाथ में है जिसमें मेरी कोई भूमिका नहीं है. गद्दी की परंपरा से लेकर संपत्ति की सुरक्षा सभी मेरी प्राथमिकता है.