हैदराबाद पुलिस ने एक बड़े वित्तीय घोटाले का पर्दाफाश किया है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित निवेश प्लेटफॉर्म और पॉन्ज़ी स्कीम का इस्तेमाल करके 3,000 से अधिक लोगों को ठगा गया. इस धोखाधड़ी में कुल 850.59 करोड़ रुपये की रकम निवेशकों से ली गई.
मामला साल 2022 से 2025 के बीच का है
साइबराबाद पुलिस कमिश्नरेट के अनुसार, यह धोखाधड़ी साल 2022 से 2025 के बीच की गई. आरोपी निवेशकों को शेयर बाजार में उच्च मुनाफे का लालच देकर झांसे में लेते थे. वे दावा करते थे कि उनके पास ऐसा एआई सॉफ्टवेयर है जो बाजार की सटीक भविष्यवाणी कर सकता है और हर महीने 7 प्रतिशत तक का स्थायी रिटर्न दिला सकता है.
पुलिस ने बताया कि इस फर्जी निवेश स्कीम में 3,164 लोगों से रकम ली गई. इसमें से 618.23 करोड़ रुपये आंशिक रूप से वापस कर दिए गए, जबकि 232.36 करोड़ रुपये को आरोपी अपने पास रखकर गायब हो गए.
29 जुलाई को दर्ज हुआ केस
मामले में 29 जुलाई को केस दर्ज किया गया था और 19 अगस्त को कंपनी के निदेशक और एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने अब तक चार फर्जी कंपनियों और आठ वेबसाइटों की पहचान की है. इस नेटवर्क में 20 से ज्यादा एजेंट, कंसल्टेंट, तकनीकी डेवलपर और वेबसाइट एडमिनिस्ट्रेटर शामिल थे.
आरोपियों ने खुद को वैध साबित करने के लिए नकली एनएसई/बीएसई सर्टिफिकेट दिखाए और आंध्र प्रदेश व तेलंगाना में बड़े निवेश सेमिनार आयोजित किए. इसके अलावा, उन्होंने शानदार दफ्तर खोलकर आम निवेशकों का भरोसा जीता. इस दौरान उनकी मुख्य टारगेट ऑडियंस मिडिल क्लास परिवार, रिटायर लोग और नौकरीपेशा लोग थे.
ऐसे करते थे फ्रॉड
पुलिस जांच में सामने आया कि इस पॉन्ज़ी स्कीम में एक हिस्सा सीमित ट्रेडिंग में लगाया गया, जबकि 40–50 प्रतिशत रकम पुराने निवेशकों को रिटर्न के रूप में दी गई और बाकी रकम आरोपी अपने निजी इस्तेमाल के लिए निकाल लेते थे. इस तरह फर्जी डैशबोर्ड और मुनाफे के झूठे आंकड़े दिखाकर लोगों को लगातार फंसाते रहे.
आरोपियों ने 21 अलग-अलग बैंकों में खाते खोले और इस अवैध धन को रियल एस्टेट, सोना और लग्जरी गाड़ियों में लगाया. इसके अलावा, उन्होंने दुबई समेत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनी लॉन्ड्रिंग चैनल भी चलाए.
पुलिस ने इस कार्रवाई में 2 गाड़ियां, 11 लैपटॉप, 3 मोबाइल फोन और कई फ्लैट जब्त किए हैं. अधिकारियों का कहना है कि आरोपी डिजिटल रिकॉर्ड्स डिलीट कर देते थे और शिकायत करने वाले पीड़ितों को धमकाते थे. इसके अलावा, जब उन पर नजर रखी जाने लगी तो उन्होंने अपनी वेबसाइट बंद कर दी. फिलहाल पुलिस पूरे नेटवर्क की गहन जांच कर रही है और बाकी आरोपियों की तलाश जारी है.