आडवाणी की मुश्किलें कम नहीं हो रहीं. उनकी नई आफत है कांधार कांड. आडवाणी के उस खुलासे पर कि उन्हें ये पता नहीं था कि आतंकियों को लेकर जसवंत सिंह कांधार जाने वाले थे, पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ब्रजेश मिश्र ने कहा है कि वो फैसला सर्वसम्मति से लिया गया था और सीसीएस की उस अहम बैठक में आडवाणी भी वहां मौजूद थे. उनके इस बयान पर तब के वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने भी मुहर लगा दी है.
बीजेपी में भूचाल
दस साल पुरानी इस घटना ने बीजेपी में भूचाल मचा दिया है. 1999 में कांधार विमान अपहरण कांड में मुसाफिरों की जान के बदले छोड़े गए थे आतंकवादी. उस घटना पर आडवाणी की जीवनी में लिखा गया था कि उन्हें इस बात की खबर नहीं थी. इस बयान पर सवाल उठाया है उस वक्त के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ब्रजेश मिश्र ने, जो बैठक में शामिल थे.
सीसीएस की बैठक में तीनों अहम मंत्री थे
सुरक्षा मुद्दे की उस कैबिनेट कमेटी की बैठक में मौजूद तीन अहम मंत्रियों जसवंत सिंह, यशवंत सिन्हा और जॉर्ज फर्नांडिस ने कहा है कि आडवाणी उस बैठक में थे. जॉर्ज फर्नांडिस ने तो कहा भी है कि हो सकता है आडवाणी भूल गए हों. अब ऐसे में मुझे कुछ कहने की जरूरत क्या है.
निशाने पर हैं आडवाणी
हालांकि पार्टी में अब आडवाणी को बचाने की कवायद भी जोरों पर है. तरीका साफ है कि जो भी आडवाणी पर सवाल उठाएगा, उसे खारिज कर दिया जाएगा.
लाजिमी सवाल
सवाल लाजिमी है कि एक गृहमंत्री को भला ये कैसे नहीं पता था कि सीसीएस की बैठक में क्या हुआ था. जाहिर है आडवाणी की आफत कम नहीं हो रही. पीएम बनने का सपना टूटा, पार्टी भी बिखर सी गई और अब कांधार का भूत जाग गया.