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काले धन पर मोदी सरकार पर जेठमलानी का हमला, 'इन लोगों को शर्म नहीं आ रही'

काले धन पर बने विशेष जांच दल (एसआईटी) की तीसरी जांच रिपोर्ट में कड़े कदमों की सिफारिश की गई है. केंद्र सरकार ने पुराने 624 मामलों में से आधे पर एक्शन लिया है. इस साल 475 नए मामलों में कार्रवाई तेज हो गई है.

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Ram Jethmalani
Ram Jethmalani

काले धन पर बने विशेष जांच दल (एसआईटी) की तीसरी जांच रिपोर्ट में कड़े कदमों की सिफारिश की गई है. केंद्र सरकार ने पुराने 624 मामलों में से आधे पर एक्शन लिया है. इस साल 475 नए मामलों में कार्रवाई तेज हो गई है.

उधर मशहूर वकील राम जेठमलानी ने आज सुप्रीम कोर्ट में एनडीए सरकार और पूर्ववर्ती यूपीए सरकार पर आरोप लगाया कि वह विदेशों में जमा काला धन वापस लाने में विफल रही है. जेठमलानी ने इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री, बीजेपी अध्यक्ष और वित्त मंत्री की आलोचना की.

प्रधान न्यायाधीश एच एल दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष काले धन के मुद्दे को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान जेठमलानी ने कहा, ‘मुझे शक है कि दोनों ही पक्षों ने गलत किया है और दोनों ही पक्षों ने छल की स्थिति बनाए रखी है.’ जेठमलानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके निकट सहयोगी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को भी नहीं बख्शा और उन पर आरोप लगाया कि वे काला धन वापस लाने के चुनावी वायदे पर नाकाम हो गए हैं.

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उन्होंने कहा कि एक टीवी चैनल को पांच फरवरी, 2015 को दिए गए शाह के उस इंटरव्यू से यह एकदम साफ है जब उन्होंने कहा कि 2014 में चुनाव प्रचार के दौरान काला धन वापस लाने का मोदी का वायदा राजनीतिक जुमला था.

जेठमलानी ने कहा कि शाह इस बयान से मुकरे नहीं है. वित्त विभाग भी इस बयान से पीछे नहीं हटा है. प्रधानमंत्री भी इस बयान से पलटे नहीं है. जेठमलानी ने कहा कि अनुमान यही है कि इन दोनों भद्रपुरुषों, पार्टी अध्यक्ष और प्रधानमंत्री एक दूसरे से सहमत हैं.

खंडपीठ के समक्ष शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश एम बी शाह की अध्यक्षता वाले विशेष जांच दल ने काले धन के मामले में हुई प्रगति पर सीलबंद लिफाफे में अपनी तीसरी रिपोर्ट पेश की.

जेठमलानी ने मोदी के चुनावी वायदे का जिक्र करते हुये कहा, ‘मै हतप्रभ हूं, एक व्यक्ति जो 2009 से ही काला धन वापस लाने के लिये संघर्षरत है और मैंने ही ‘अवतार’ के रूप में मोदी का उल्लेख किया था.’

जेठमलानी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली का नाम लिए बगैर ही उन पर भी हमला किया. उन्होंने कहा कि ‘मासूम वित्त मंत्री’ के हवाले से कहा गया है कि भारत ने काले धन की किसी पनाहगाह की पहचान नहीं की है. उन्होंने कहा कि यह यूपीए सरकार में वित्त मंत्री के रूप में प्रणब मुखर्जी के कथन से एकदम उलट है. उन्होंने एक श्वेत पत्र जारी किया था जिसमें उन्होंने दावा किया था कि भारत ने ऐसे 45 स्थानों की पहचान की है.

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जेठमलानी ने कहा, ‘मैं इसे काले धन पर काला पत्र कहता हूं.’ उन्होंने कहा, ‘यह परिस्थितिजन्य साक्ष्य है कि कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ है. इन लोगों को शर्म नहीं आ रही कि वे क्या कर रहे हैं.’ उन्होंने विशेष जांच दल की कार्यशैली की भी आलोचना की और कहा, ‘जांच दल में ऐसे लोग भरे हैं जो पिछले सरकार के वफादार हैं.’ जेठमलानी ने विशेषरूप से सीबीडीटी की अध्यक्ष अनिता कपूर की आलोचना की जो शीर्ष अदालत के आदेश की वजह से जांच दल की पदेन सदस्य हैं.

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