आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर देश की सियासत में लगातार उबाल आता जा रहा है. तमाम अटकलों-कयासों के बीच जेडीयू ने कहा है कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार चुनाव में प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं होंगे. जेडीयू ने पीएम पद की दावेदारी की गेंद अपनी सहयोगी पार्टी बीजेपी के पाले में डालते हुए कहा कि पहले वह नाम तय करे, फिर आगे का रुख तय होगा.
नरेंद्र मोदी को देशभर में भले ही बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के दावेदार के रूप में देखा जा रहा हो, लेकिन जेडीयू प्रवक्ता ने कहा कि पहले बीजेपी को इस बात की घोषणा करने दें. उन्होंने बीजेपी को जेडीयू का दोस्त बताया और कहा कि दोस्तों से न तो सौदेबाजी की जाती है न ही उन पर दबाव डाला जाता है.
नरेंद्र मोदी की छवि को लेकर जेडीयू ने कहा कि नरेंद्र मोदी 2002 के गुजरात दंगों को रोकने में असफल रहे. उन्हें मुस्तैदी दिखानी चाहिए थी, जो उन्होंने नहीं दिखाई.
जेडीयू ने कांग्रेस के बार-बार मोदी पर सवाल उठाने और 2002 के दंगों के मामले में मोदी को कठघरे में खड़े करने पर कांग्रेस पर सीधा हमला किया. पार्टी ने कहा कि कांग्रेस को मोदी पर सवाल उठाने का हक नहीं है, क्योंकि उन्होंने 1984 में वही किया, जो मोदी ने 2002 में किया था.
हालांकि जेडीयू ने बीजेपी पर भी गठबंधन धर्म को नहीं निभाने का आरोप लगाया. उन्होंने बताया कि कर्नाटक में बीजेपी ने अपने उम्मीदवार तय कर दिए हैं और जेडीयू भी वहां 15-20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. पार्टी प्रवक्ता ने कहा राजस्थान में गठबंधन नहीं हो पाया और झारखंड में भी ठीक नहीं चल रहा है. बीजेपी का जेडीयू से गठबंधन लंबे समय से चला आ रहा है और बिहार में यह सही स्थिति में है.
जेडीयू ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा राज्य की जनता का मौलिक अधिकार है और अगर केंद्र की मौजूदा सरकार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देती है, तो हम उनका शुक्रिया अदा करेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि जेडीयू के कांग्रेस के साथ जाने की संभावना दूर-दूर तक नहीं है.
जेडीयू प्रवक्ता ने बताया कि रविवार को दोपहर 3 बजे से ओपन सेशन होगा, जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव बोलेंगे.