समाज में बदलाव, महिलाओं को समान स्थान देने की बात करने वाले लोग तो बहुत हैं लेकिन अब भी देश में ऐसी घटनाएं सामने आती हैं जो हमें सोचने पर मजबूर कर देती हैं कि क्या ये बदलाव कभी आ पाएगा? भारत में रेप पीड़िता के लिए समाज में अपना स्थान बनाना कितना मुश्किल है, इसका उदाहरण कोलकाता में सामने आया है.
रेप जैसी घिनौनी वारदात से गुजर चुकी महिलाओं के लिए इसे भुला पाना वैसे ही आसान नहीं होता और हम भी उन्हें इससे उबरने में मदद करना तो दूर इस जख्म को वक्त आने पर कुरेदते रहते हैं. पार्क स्ट्रीट रेप विक्टिम इस महिला के साथ ऐसा ही कुछ हुआ. अपनी पहचान छिपाने की बजाय उसने हिम्मत दिखाई और न्याय के लिए लड़ाई लड़ी. लेकिन इस लड़ाई का फायदा क्या हुआ?
कोलकाता के हजरा इलाके में एक होटल ने इस महिला को दाखिल नहीं होने दिया, और इसकी वजह थी कि वो एक रेप पीड़िता हैं. महिला को होटल में घुसने से एक जूनियर होटल स्टाफ ने रोका. रोके जाने के बाद महिला ने मैनेजर से बात की और उसका जवाब सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे. मैनेजर ने बेरुखी से कहा, 'क्योंकि तुम पार्क स्ट्रीट रेप विक्टिम हो.' महिला अपने होने वाले पति के साथ होटल गई थीं.
इस पूरे घटना का दर्द महिला ने फेसबुक पोस्ट के जरिए बयां किया. उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा- 'ऐसे लगा जैसे फिर से मेरा रेप हुआ.' वहां करीब 20 लोग मौजूद थे लेकिन सभी बस मूक दर्शक बने रहे.