आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन का फाउंडर मेंबर यासीन भटकल का जन्म 1983 में कर्नाटक के तटीय शहर भटकल में हुआ था. यासीन को मोहम्मद अहमद सिद्धीबप्पा के नाम से भी जाना जाता है. उसकी पढ़ाई अंजुमन हामी-ए-मुस्लमीन मदरसे में हुई.
12 राज्यों की आतंक निरोधी एजेंसियों की चार्जशीट के मुताबिक भटकल देश भर में जर्मन बेकरी सहित कम से कम 10 आतंकी हमलों में शामिल रहा
है. वह दिल्ली के बाजारों में हुए सीरियल ब्लास्ट का भी मास्टरमाइंड था. वह मुंबई लोकल, बैंगलोर, जयपुर, वाराणसी, सूरत में हुए बम धमाके का भी आरोपी है.
उस पर अपने तीन साथियों तहसीन अख्तर वसीम अख्तर शेख (23 साल), असदुल्ला अख्तर जावेद अख्तर (26 साल) और वकास उर्फ अहमद (26 साल) के साथ मिलकर 13 जुलाई, 2011 को मुंबई के ओपेरा हाउस, जावेरी बजार और दादर पश्चिम में हुए तीन सिलसिलेवार बम धमाकों को अंजाम देने का आरोप है, जिसमें 27 लोगों की मौत हुई और 130 लोग घायल हो गए थे. इंडियन मुजाहिद्दीन से जुड़ा यह आतंकी पुणे की जर्मन बेकरी, अहमदाबाद, सूरत, बेंगलूर, दिल्ली और हैदराबाद में हुए विभिन्न आतंकी हमलों में भी वांछित था.
एनआईए ने यासीन पर 10 लाख रुपये का इनाम रखा था. इसके अलावा महाराष्ट्र के आंतकवाद निरोधक दस्ते ने भी इस साल फरवरी में यासीन और उसके तीन सहयोगियों की सूचना देने वाले को 10 लाख रुपये ईनाम देने की घोषणा की थी.
दिल्ली में हुए तीन आतंकी वारदातों सहित विभिन्न आतंकी घटनाओं में संदिग्ध यासीन की सूचना के लिए दिल्ली पुलिस ने भी दिसंबर, 2011 में 15 लाख रुपये के ईनाम की घोषणा की थी.
यासीन भटकल इंडियन मुजाहिदीन का फाउंडर मेंबर है. आईएम के गठन से पहले वह सिमी का सक्रिय सदस्य था.इंटेलीजेंस के अधिकारियों के मुताबिक भटकल हमेशा अपने ठिकाने बदला रहता था.
साथ ही वह भेष बदल कर खुद को छुपाने में, बम बनाने तथा स्लीपर सेल तैयार करने में माहिर है. एक बार उसे कोलकाता पुलिस ने जाली नोटों के केस में पकड़ा था. तब इसने अपना नाम पुलिस को शाहरुख बताया था. बाद में पुलिस को पता लगा कि यह तो यासीन भटकल था.
भटकल का ससुराल दिल्ली में है और उसने यहां हथियारों की एक फैक्ट्री भी लगाई थी, जिसका भंडाफोड़ हो गया था.
आखिरकार टुंडा की निशानदेही पर यासीन भटकल गोरखपुर में सोनौली से सटे नेपाल बॉर्डर के पास से पकड़ा गया. यासीन के साथ असदुल्लाह अख्तर नाम के शख्स को भी गिरफ्तार किया गया है. सूत्रों के मुताबिक यासीन भटकल अपने भाई रियाज भटकल से मिलने नेपाल गया था.