पश्चिम बंगाल की पांच राज्यसभा सीटों में से 4 पर टीएमसी की जीत पक्की है, लेकिन ममता बनर्जी पांचवीं सीट भी कब्जाने की जुगत में हैं. ऐसे में ममता ने पांचवें उम्मीदवार के तौर पर पूर्व विधायक और कारोबारी दिनेश बजाज को निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर उतारकर कांग्रेस समर्थित वामपंथी उम्मीदवार विकास रंजन भट्टाचार्य की राह मुश्किल कर दी है.
बता दें कि मौजूदा पश्चिम बंगाल विधानसभा में कुल 294 सदस्य हैं. मौजूदा समय में टीएमसी के 207, कांग्रेस के 25, वाममोर्चा के 26 और बीजेपी के 14 विधानसभा सदस्य हैं. इसके अलावा अन्य दलों के विधायकों की संख्या 22 है. ऐसे में एक राज्यसभा सदस्य को जीतने के लिए प्रथम वरीयता के आधार पर 49 वोट की जरूरत होगी.
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टीएमसी के चार राज्यसभा उम्मीदवारों की जीत पूरी तरह से पक्की है. ऐसे में 11 विधायकों का वोट अतिरिक्त बचेगा. वहीं, कांग्रेस और वाममोर्चा के विधायकों के मिलने के बाद एक सीट आसानी से जीती जा सकती है. ममता बनर्जी ने जिस तरह से दिनेश बजाज को निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर उतारा है. बजाज की नजर टीएमसी और अन्य विधायकों के साथ-साथ बीजेपी सदस्यों पर हैं. ऐसी ही परिस्थिति में टीएमसी विरोधी दल के विधायक को तोड़कर अपने प्रत्याशी को जिताने में कामयाब रही थी.
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बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में अपना कोई प्रत्याशी नहीं उतारा है. दिनेश बजाज इसी का फायदा उठना चाहते हैं. हालांकि, यहां सवाल यह भी है कि बीजेपी विधायक मतदान में हिस्सा लेते हैं या नहीं? इस पर अभी संशय बरकरार है. हालांकि, माना जा रहा है कि बीजेपी सदस्य राज्यसभा चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे, लेकिन दिनेश बजाज अन्य दलों से लेकर बीजेपी के विधायकों को साधने में जुटे हैं. राज्यसभा चुनाव में मतदान के लिए व्हिप जारी नहीं होता है. इसीलिए क्रॉसवोटिंग की संभावना काफी है.