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बंगाल में ममता का ‘माछेर झोल’ स्ट्रोक, 21 रुपये में मिलेगा मछली-चावल

'एकुशे अन्नपूर्णा' नाम से शुरू किए जाने वाले इस प्रोजेक्ट में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गहरी दिलचस्पी ले रही हैं. इस प्रोजेक्ट के तहत बंगाल की प्रसिद्ध डिश 'माछेर झोल' को मात्र 21 रुपये में उपलब्ध कराया जाएगा.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

मंहगाई बढ़ने के साथ दैनिक उपभोग की वस्तुओं के आम आदमी की पहुंच से बाहर होने के बीच पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार अनोखा प्रोजेक्ट शुरू करने जा रही है. राज्य में लोगों को राहत देने के उद्देश्य से इस प्रोजेक्ट में पका-पकाया खाना उपलब्ध कराया जाएगा.

'एकुशे अन्नपूर्णा' नाम से शुरू किए जाने वाले इस प्रोजेक्ट में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गहरी दिलचस्पी ले रही हैं. इस प्रोजेक्ट के तहत बंगाल की प्रसिद्ध डिश 'माछेर झोल' (मछली और चावल) को मात्र 21 रुपये में उपलब्ध कराया जाएगा.

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कोलकाता में एक साल तक चले पायलट प्रोजेक्ट के बाद राज्य का मत्स्य विभाग अपने इस आइडिया को मूर्त रूप देने में जुटा है. राज्य के मत्स्य पालन मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा ने बताया, 'माछेर झोल की थाली में चावल, मछली के साथ दाल, सब्जी और चटनी भी होगी. कीमत 21 रुपये होगी. शहर में हर रोज हजारों लोग काम के लिए आते हैं. हम सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें दोपहर के भोजन के लिए भरपेट सस्ता खाना मिले.'

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मत्स्य विभाग के मुताबिक सस्ता खाना कोलकाता और अन्य जिलों के अहम स्थानों पर बैटरी चालित गाड़ियों से बेचा जाएगा. मत्स्य पालन मंत्री सिन्हा ने बताया कि कोलकाता से पहले इसे शुरू किया जा रहा है, फिर इसे सारे जिला मुख्यालयों में लागू किया जाएगा.

यह पूछे जाने पर कि क्या ये योजना तमिलनाडु में 2013 में शुरू की गई 'अम्मा कैंटीन' से प्रेरित है, क्या वहीं से आइडिया लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पंचायत चुनावों से पहले इसे ला रही हैं, इस पर सिन्हा ने कहा, 'ये प्रोजेक्ट गरीबों की मदद के लिए मुख्यमंत्री के संकल्प से प्रेरित है. हम दीदी के उस सपने को पूरा करना चाहते हैं जिसके तहत राज्य में हर व्यक्ति को पौष्टिक लेकिन सस्ता खाना आसानी से उपलब्ध रहे. हमारे पास जो सीमित इन्फ्रास्ट्रक्चर है, उसी में हम इसे सफल बना कर दिखाएंगे.'

सरकारी नोडल एजेंसी की ओर से चलाई जाने वाले प्रोजेक्ट को 'नो लॉस, नो प्रॉफिट' के आधार पर चलाया जाएगा.

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