तीन तलाक (तलाक ए बिद्दत) विधेयक को लेकर राजनीति गर्माती जा रही है. कांग्रेस महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने कहा है कि कांग्रेस अन्य दलों को साथ लेकर विधेयक को इसके मौजूदा रूप में राज्यसभा में पारित नहीं होने देगी. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद 31 दिसंबर यानी सोमवार को राज्यसभा में तीन तलाक विधेयक को पेश करेंगे.
उन्होंने कहा कि लोकसभा में जब यह विधेयक पेश किया गया था तब 10 विपक्षी दल इसके खिलाफ खुल कर सामने आए थे. कांग्रेस नेता ने कहा कि यहां तक कि अन्नाद्रमुक और तृणमूल कांग्रेस ने भी इस विधेयक का खुल कर विरोध किया है. उल्लेखनीय है कि अन्नाद्रमुक ने विभिन्न मुद्दों पर सरकार का समर्थन किया है.
उन्होंने कहा कि यह विधेयक महिलाओं को सशक्त करने में मदद नहीं करेगा. गौरतलब है कि गुरुवार को लोकसभा में यह विधेयक पारित हुआ था. अगले हफ्ते राज्यसभा द्वारा इस पर विचार किए जाने की उम्मीद है. उन्होंने यह भी कहा कि इस विधेयक को लेकर कांग्रेस नीत यूपीए या केरल में पार्टी नीत यूडीएफ में कोई भ्रम नहीं है.
बता दें कि तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) की प्रथा को रोकने के मकसद से लाया गया मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक, 2018 गुरुवार को लोकसभा में पास हो गया. विधेयक के पक्ष में 245 और विरोध में 11 वोट पड़े थे. वोटिंग के दौरान कांग्रेस, एआईएडीएमके, डीएमके और समाजवादी पार्टी ने वॉक आउट कर दिया था. संसद के निचले सदन में केंद्र सरकार के पास स्पष्ट बहुमत होने के चलते यह तय माना जा रहा था कि यह बिल लोकसभा में पास हो जाएगा. लेकिन विपक्षी दलों समेत अहम मुद्दों पर केंद्र का साथ देने वाली एआईएडीएमके का वॉक आउट करना यह संकेत दे गया कि यह विधेयक राज्यसभा में एक बार फिर अटक सकता है.