पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के नेता इमरान खान ने शनिवार को दिल्ली में कहा कि भारत और पाकिस्तान को मजबूत नेतृत्व की दरकार है. एक ऐसा नेतृत्व जो लोगों से कह सके कि द्विपक्षीय मुद्दों के समाधान के लिए युद्ध विकल्प नहीं है. इमरान ने कहा कि उनका समस्याओं के सैनिक समाधान में कतई भरोसा नहीं है.
दिल्ली में एक अखबार के कार्यक्रम में दर्शकों को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा कि कश्मीर एक मसला है, जिसका समाधान दोनों देश बातचीत के जरिए निकालें. उन्होंने कहा कि तालिबान कोई वैचारिक आंदोलन नहीं है और जो लोग मुंबई हमले में शामिल रहे हैं उन्हें कानून के कठघरे में खड़ा किया जाना चाहिए.
इमरान खान ने यह भी कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप का भविष्य यूरोपीय संघ के देशों के जैसे पड़ोसी मुल्क की तरह रहने में निहित है. इस साल के शुरू में हुए आम चुनाव में इमरान खान की पार्टी वोट बटोरने के मामले में देश में दूसरे स्थान पर रही है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों की युवा पीढ़ी ने ‘बंटवारे के डरावने’ सच का सामना नहीं किया है और वे ‘आगे बढ़ना चाहते हैं.’
इमरान ने कहा, ‘दोनों देशों को मजबूत नेतृत्व की दरकार है जो यह विचार फैला सकें कि युद्ध कोई विकल्प नहीं होता और लोगों को शांति का लाभ समझा सकें. हमें ऐसे नेता की दरकार है जो कह सके कि युद्ध विकल्प नहीं होता.’