आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन के टैक्स विवाद को लेकर दूर संचार मंत्री कपिल सिब्बल पर निशाना साधा है. आप का अरोप है कि सिब्बल ने वोडाफोन को अपने वकील बेटे के जरिए फायदा पहुंचाया है. केजरीवाल के मुताबिक सिब्बल के बेटे अमित सिब्बल 3 साल तक वोडाफोन के वकील रहे हैं.
AAP ने बुधवार को नवनियुक्त कानून मंत्री कपिल सिब्बल की कथित रूप से ब्रिटिश कंपनी वोडाफोन का पक्ष लेने पर आलोचना की. आप के नेता अरविंद केजरीवाल ने कहा, '(कपिल सिब्बल के) कानून मंत्री बनने के 24 घंटे के अंदर उन्होंने वोडाफोन की 11,217 करोड़ रुपये की कर देनदारी को अदालत से बाहर निपटारा करने की अनुमति देकर अपने पूर्ववर्ती (अश्विनी कुमार) के फैसले को पलट दिया.'
केजरीवाल ने सिब्बल के इस निर्णय में निहित स्वार्थ होने का आरोप लगाया, क्योंकि उनके बेटे अमित सिब्बल हचिसन टेलीकम्युनिकेशंस इंटरनेशन के वकील हैं, जिसने अपना भारतीय दूरसंचार कारोबार 2007 में वोडाफोन को बेच दिया था.
केजरीवाल ने कहा, 'कपिल सिब्बल वोडाफोन के साथ अदालत के बाहर मामले का निपटारा क्यों चाहते हैं? उन्होंने अश्विनी कुमार के फैसले को क्यों पलटा, जो इस कदम के विरोधी थे.'
सिब्बल ने मंगलवार को वोडाफोन की कर देनदारी मामले को अदालत से बाहर निपटाने की अनुमति दे दी.
कर देनदारी का मामला हचिसन द्वारा 2007 में अपने भारतीय दूरसंचार कारोबार को वोडाफोन को बेचने से पैदा हुआ था, जिसके कारण 50 हजार करोड़ रुपये का पूंजी लाभ हुआ था.
अरविंद केजरीवाल का आरोप है कि कानून मंत्री का पद संभालने के बाद कपिल सिब्बल ने वोडाफोन-हचिसन टैक्स मामले में समझौता कराने की कोशिश की. यही नहीं सिब्बल और कंपनी के बीच इस मुद्दे को लेकर 2000 करोड़ रुपये का समझौता हुआ है.
वोडा-हच कंपनी पर सरकार का 10 हजार करोड़ रुपये का टैक्स बाकी है. अरविंद केजरीवाल और प्रशांत भूषण ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में दावा किया है कि उनके पास कपिल सिब्बल के खिलाफ पुख्ता सबूत भी हैं.
अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि मंत्री पद संभालने के बाद कपिल सिब्बल ने सबसे पहले वोडाफोन टैक्स मामले में फैसला लिया. उन्होंने कहा कि यह केस सुप्रीम कोर्ट में चल रहा था, लेकिन उसके फैसले का इंतजार नहीं किया गया. आप ने इस मामले में पी. चिदंबरम और अटर्नी जनरल वाहनवती को भी निशाने पर लिया है. आप के मुताबिक अश्विनी कुमार के कानून मंत्री रहते वाहनवती भी समझौते के खिलाफ थे, लेकिन सिब्बल के आते ही वह पलट गए. आप ने आरोप लगाया कि इसमें कुछ पैसे सिब्बल के अलावा पी. चिदंबरम और वाहनवती को भी मिले होंगे.